मुझे भी खूब खबर थी, देशदारी कि.... भ्रष्टाचारी कि....... देश में हो रही गद्दारी कि....... मगर क्या करूँ पेट भर भोजन मिला और मुझे नींद आ गई।। आशीष मोहन "देवनिधि" सच है देव....