दो किनारों की तरह यहाँ, फ़िर बह रही है ज़िन्दगी। ख़ामोश रह कर भी ख़ामोश रहना, ऐसी एहसास है ये ज़िन्दगी। जो न चल सका उसी को चलाना, ऐसा कारवां है ये ज़िन्दगी। जिसको भी चाहो वही बेवफ़ा निकलें, ऐसी मोहब्बत है ये ज़िन्दगी। बातें बहोत हैं बताने के लिए लेकिन, ज़माना क्या समझेगा, क्या है ये ज़िन्दगी। अब तो बस थक सी गयी हैं ख्वाहिशें, ऐसा लाज़वाब सफऱ है ये ज़िन्दगी।।♥️ #ज़िन्दगी #दोकिनारोंकीतरह #yqdidi #दोकिनारे #suchitapandey #yqquotes #सुचितापाण्डेय दो किनारों की तरह यहाँ,