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नसीब का खेल है" बचपने की हरकतें, करते फिरते हैं ल

नसीब का खेल है"

बचपने की हरकतें,
करते फिरते हैं लोग पचपन में,
बांध के आंख पर पट्टी 
मम्मी देख रही सपने सिंहासन के।

गले में बांध के बाजार बट्टू,
नज़र का बिटुआ फिर भी फेल है।
बेशर्म को शर्म नहीं आती फिर भी, 
समझता ही नहीं ये नसीब का खेल है।

©Anuj Ray
  # नसीब का खेल है"
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
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# नसीब का खेल है" #कविता

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