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सुहावनी मनभावनी है नवम्बर की दोपहर । पीली पीली कुस

सुहावनी मनभावनी है नवम्बर की दोपहर ।
पीली पीली कुसुमकली सी दिखी दोपहर ।।

अपने कर से करती मुस्कुराकर स्पर्श मुझे,
ऋतु आयीं गयीं किन्तु नहीं आयी ऐसी दोपहर।।

उस कड़वे नीम की घनी ठण्डी छाँव के नीचे,
मीठी मीठी मुस्काती सी सुन्दर सी दोपहर।।

फिर उसके बाद हम तुम चले साथ साथ,
रुके मोड़ पर चटपटी जलजीरा सी दोपहर।।

विदा का समय, फिर मिलने का आश्वासन,
हाथ में हाथ ले फिर खिलखिलाती सी दोपहर।। नवम्बर के दिनों में...
#नवम्बर #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
सुहावनी मनभावनी है नवम्बर की दोपहर ।
पीली पीली कुसुमकली सी दिखी दोपहर ।।

अपने कर से करती मुस्कुराकर स्पर्श मुझे,
ऋतु आयीं गयीं किन्तु नहीं आयी ऐसी दोपहर।।

उस कड़वे नीम की घनी ठण्डी छाँव के नीचे,
मीठी मीठी मुस्काती सी सुन्दर सी दोपहर।।

फिर उसके बाद हम तुम चले साथ साथ,
रुके मोड़ पर चटपटी जलजीरा सी दोपहर।।

विदा का समय, फिर मिलने का आश्वासन,
हाथ में हाथ ले फिर खिलखिलाती सी दोपहर।। नवम्बर के दिनों में...
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