Nojoto: Largest Storytelling Platform

पहाड़ों से उतर आए, आज नटराज शिव नट का बनाई भेष,

पहाड़ों से उतर आए, आज नटराज शिव
नट  का  बनाई  भेष, राम  को रिझात हैं।
खुद  ही  रहे  नाच, खुद ही  के  नचाईबेपै
करि करि  करतब, राम  को  दिखात  है॥
एक कर डमरू धरे, एक कर बजरंग बली 
खुद ही की करनी को, खुद ही सरहात हैं। 
देखिकै दृश्य  यह, निज स्वामी सेवक को
दै   दै    ताल   "वेद"   राम    हरषात   है॥ #छंद 
#शिव और #हनुमान जी महाराज #अयोध्या में भगवान #राम के सन्मुख।
पहाड़ों से उतर आए, आज नटराज शिव
नट  का  बनाई  भेष, राम  को रिझात हैं।
खुद  ही  रहे  नाच, खुद ही  के  नचाईबेपै
करि करि  करतब, राम  को  दिखात  है॥
एक कर डमरू धरे, एक कर बजरंग बली 
खुद ही की करनी को, खुद ही सरहात हैं। 
देखिकै दृश्य  यह, निज स्वामी सेवक को
दै   दै    ताल   "वेद"   राम    हरषात   है॥ #छंद 
#शिव और #हनुमान जी महाराज #अयोध्या में भगवान #राम के सन्मुख।