शहर की लड़की शहर की लड़की के सपने हज़ार।। करती है वो सबको आबाद।। उम्मीदों से रहती है भरपूर।। उसे शहर की लड़की होने का रहता गुरुर।। बिखर कर सवरना आता है उसे।। रोक सको तो रोक लो उसे।। रिवाज़े वो तोड़ जाती है बेमतलबी।। हौसलों की न हैं उसमें कोई कमी।। #शहरकीलड़की