चारों तरफ के अंधेरों में गुम, एकमात्र पुंज-प्रकाश हो तुम! हर डगर मिली हार के बाद, उम्मीद की अंतिम आश हो तुम ! दर-ब-दर खोते हुए विश्वास में, मेरा पूर्ण आत्मविश्वास हो तुम ! दुःख-दर्द-थकान-आह को चीरती, गर्म चाय का एहसास हो......तुम !! ©KUMAR JEET #Tum #Tea #Kumar_Jeet