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मेरी ये जिंदगी का जो सफ़ऱ है बिखर कर रह गया होता या

मेरी ये जिंदगी का जो सफ़ऱ है
बिखर कर रह गया होता यादों में
चल रहा है अनवरत गिरते सम्हलते
मेरे पिता की 'ज़र' और
माँ की दुआ का असर है।
 सुप्रभात।
प्रातः माँ को याद करना इबादत से कम नहीं।
#माँकीदुआ #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi  
ज़र- संस्कार, औषधि, धन, सम्पत्ति यहां अर्थ आप संस्कार कोई सा भी ले सकते है।
मेरी ये जिंदगी का जो सफ़ऱ है
बिखर कर रह गया होता यादों में
चल रहा है अनवरत गिरते सम्हलते
मेरे पिता की 'ज़र' और
माँ की दुआ का असर है।
 सुप्रभात।
प्रातः माँ को याद करना इबादत से कम नहीं।
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ज़र- संस्कार, औषधि, धन, सम्पत्ति यहां अर्थ आप संस्कार कोई सा भी ले सकते है।