@मुझ जैसी लड़की सोचा था किसी दिन_"खत लिखूँगी तुम्हें " तमाम किस्से कहूँगी, जो खुद से कितनी दफा बड़बड़ाया है मैंने चाहती थी, तुम पढ़ो उन शब्दों को जो मात्र तुम्हारे लिए लिखे गए थे बताया नहीं कभी, तुममे आसमाँ दिखता था, जो अनंत था ये भी नहीं जताया कि, मैंने हमेशा तुम्हारी अर्जी की मन्नत माँगी थी कुछ था, जो मुझमे जिंदा होने का दावा रखता था पर कभी हिम्मत ना हुई, वो सब लिख लू कहती भी क्या, वो एकतरफा था कहना फिजूल था, दिये जलाना फिजूल था ©Rumaisa #Ladki #feeling #ekkhat