जो राज दफन दिल में खुलकर कहा करो यूँ बैठ अकेला तन्हा तुम चुप न रहा करो मीरा सी राधिका सी इस कृष्ण पे ओ साथी चाहत कदम्ब तले की अब तुम तो महा करो इक दिन तुम्हारी आदत मिरी जान लेगी जाना तुम यूँ जरा सी बात पे मन को न ढहा करो