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इश्क़ जब से देखे हैं मैंने तेरे ये होंठ, गुलाब की

इश्क़ जब से देखे हैं मैंने तेरे ये होंठ, 
गुलाब की पंखुड़ियों का रंग अब फीका लगता है,,
सूरज की उभरती किरणों से ज्यादा, 
मुझे तेरे आंखों की चमक का तंज अब तीखा़ लगता है,,
और दरमियां बढ़ती नजदीकियों को मैं इश्क कहूं या महज़ एक भ्रम,,
 मुझे हर भंवरे की फूलों की चाहत से ज्यादा ,,  
तेरे साथ बिताए गए हर लम्हें अब जीना लगता है।।

✓  Vikas  ✓ #इश्क़  SAYARI STAR AMIT YADAV vkcareerguru Aishwarya Lath Gautam Kumar Indian
इश्क़ जब से देखे हैं मैंने तेरे ये होंठ, 
गुलाब की पंखुड़ियों का रंग अब फीका लगता है,,
सूरज की उभरती किरणों से ज्यादा, 
मुझे तेरे आंखों की चमक का तंज अब तीखा़ लगता है,,
और दरमियां बढ़ती नजदीकियों को मैं इश्क कहूं या महज़ एक भ्रम,,
 मुझे हर भंवरे की फूलों की चाहत से ज्यादा ,,  
तेरे साथ बिताए गए हर लम्हें अब जीना लगता है।।

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