तू है तो है सब कुछ मेरा मन को किसकी अरदास रहे।। जितने पास सूर्य से किरणे जितने पास जलधि से लहरें जितने पास तिमिर से रजनी जितने पास सजन से सजनी जितने पास गगन से बादल जितने पास है मां से आंचल तू उतना ही मेरे पास रहे। तू है तो है सब कुछ मेरा मन को किसकी अरदास रहे।। जितने पास चातक से स्वाती जितने पास सीप से मोती जितने पास फूल से फल जितने पास बृक्ष से जड़ जितने पास अक्षर से लेखनी जितने पास नयन से पुतली तू उतना ही मेरे पास रहे। तू है तो है सब कुछ मेरा मन को किसकी अरदास रहे।। जितने पास अधर से सरगम जितने पास बाहों से संगम जितने पास है जल से मीना जितने पास भूषण से नगीना जितने पास नींद के करवट जितने पास मृत्यु के मरघट तू उतना ही मेरे पास रहे । तू है तो सब कुछ है मेरा मन को किसकी अरदास रहे ।। तू है तो है सब कुछ मेरा मन को किसकी अरदास रहे जितने पास सूर्य से किरणे जितने पास जलधि से लहरें जितने पास तिमिर से रजनी जितने पास सजन से सजनी