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कुछ देर सही हम निकले तो, घर तेरे दर पर आयेंगे। हम

कुछ देर सही हम निकले तो,
घर तेरे दर पर आयेंगे।
हम बंजारे बस्ती बस्ती,
तेरी महिमा गाएगें।
तुझे छोड़ गए हम 
कुछ पाने की  चाहत में,
क्या कुछ ना था तेरे आंगन में।
बेचैन परिंदे से उड़ते हैं,
सुकुं बहुत था तेरे दामन में।
चल फिर से तेरी छत पर बैठे
तुझसे कुछ बतियाएगें,
इक रोज़ तो ऐसा होगा ही
फिर तेरे हो जायेगें।
- प्रशांत निगम
#चलें घर की ओर #RaysOfHope
कुछ देर सही हम निकले तो,
घर तेरे दर पर आयेंगे।
हम बंजारे बस्ती बस्ती,
तेरी महिमा गाएगें।
तुझे छोड़ गए हम 
कुछ पाने की  चाहत में,
क्या कुछ ना था तेरे आंगन में।
बेचैन परिंदे से उड़ते हैं,
सुकुं बहुत था तेरे दामन में।
चल फिर से तेरी छत पर बैठे
तुझसे कुछ बतियाएगें,
इक रोज़ तो ऐसा होगा ही
फिर तेरे हो जायेगें।
- प्रशांत निगम
#चलें घर की ओर #RaysOfHope