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कैंसर की जीत यह कहानी एक उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर

कैंसर की जीत
यह कहानी एक उत्तर प्रदेश के मेरठ  शहर का है वहा आलिया अपने माता-पिता की इकलौती बेटी है तो वही इसका पड़ोसी  और प्यारा दोस्त अनमोल  भी अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है दोनों एक ही  का‌‌लोनी  मे रहते है  अनमोल का जैसा नाम वैसा इसका व्यवहार है । दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी है  दोनो जहा भी जाते है साथ - साथ जाते है  अगर आलिया कभी स्कूल का होमवर्क नही  कर पाती है तो अनमोल उसका  स्कूल का होमवर्क कर देता है । क्योकि वह कभी भी आलिया को परेशान नही देखना चाहता है इसलिए उसकी सारी परेशानी अपने ऊपर ले लेता है लेकिन वह कभी भी उसे समझती  नही पाती है । फिर अचानक आलिया के पिता का ट्रांसफर दिल्ली में हो जाता है ओर आलिया वहा शिफ्ट हो जाती है ।
जब अनमोल को पता चलता है तब तक आलिया वहा से जा चुकी होती है। जब आलिया दिल्ली पहुंचती है तो उसका एडमिशन  दूसरे स्कूल में होता है ।  उसे वहां  नए दोस्त मिलते हैं और बहुत चेंज हो जाती है उन नए दोस्तों के साथ  फिर माता पिता को अनमोल  कन्वेंस करता है मुझे उस स्कूल मे जिसमें आलिया   ने एडमिशन लिया है मुझे भी उसी स्कूल में लेना है ऐसे करके अपने पेरेंट्स को मना लेता है और वह दिल्ली के स्कूल में एडमिशन ले लेता है । उसे भी वहां नए दोस्त मिलते हैं अच्छे और उनके साथ रहता है और वह पहुंचता है कि उसको देख कर आलिया खुश हो जाएगी पर वह नजरअंदाज  करने लगती है । उसे नए दोस्तों के साथ देख कर अनमोल हैरान हो जाता है कि आलिया बिल्कुल बदल गई है फिर अनमोल भी स्कूल आने लगता है  आलिया से बात करता है  तो वह उसे भाव नही  देती है वह अपने दोस्तों के साथ हंसी मजाक करती  है ओर वह चुपके -चुपके उसे देखकर हंसता रहता है। फिर वह कुछ दिनों से स्कूल नहीं आती अनमोल परेशान हो जाता है वह उसके दोस्तों से पूछता है लेकिन वह मुझे नही मालूम है ऐसे  बोल कर वहा से चले जाते है। फिर वह भी चला जाता है  कुछ दिन बाद  फिर अनमोल आलिया के घर फोन करता है तो आंटी उठाती है ओर वह पूछता है आलिया स्कूल क्यों नहीं आ रही है  आंटी बोलती है क्या बताओ बेटा मामूली से सर्दी हो गई है इसमे परेशान है लो तुम ही बात कर लो आलिया से तो उसकी मां बुलाती है कि आलिया अनमोल का फोन आया है  अनमोल बोलता है कि आलिया तुम्हें  मामूली सी सर्दी हुई है तुम क्यों परेशान हो रही हो  कुछ नहीं वह ठीक हो जाएगा  आलिया बोलती है तुम्हें यह मामूली सी  सर्दी लग रहा जिस पर पड़ता है वही जानता तुम नही समझोगे ऐसा बोलकर फोन रख कर वहां से चली जाती है । फिर वह ठीक होकर स्कूल आने लगती है । अपने दोस्तों के साथ पहले जैसे  घुल मिलकर रहने लगती है । पर वह   भी नोटिस करती  है कि अनमोल भी   5 दिन से  स्कूल नही  आ रहा है क्या बात है ऐसा सोचने लगती है फिर उसके दोस्तों से पूछती है तो उसके दोस्त भी मुझे नहीं पता क्यों नही आ रहा है स्कूल पता करते है उसका मुझे घर का एड्रेस पता है चलो उसके घर पर पता करते है कि वह क्यों नहीं स्कूल आ रहा है।  तीनों वहा उसके घर पर जाकर देखते हैं तो अनमोल की मां कर रो रही होती है । आलिया पूछती है कि आंटी क्यों रो रही हो  क्या बताओ बेटा ऐसा बोल करो पानी लाने तीनों के लिए चली जाती है किचन में तीनों तस्वीर देखते  अनमोल के  दीवार पर तो आश्चर्यचकित हो जाते हैं कि उसकी तस्वीर पर फूल चढ़ा हुआ है । और जब आंटी तीनों के लिए पानी लेकर आती है तब वह पूछती है आंटी ऐसा क्या हो गया कि अनमोल की तस्वीर  पर फूलों की माला चढ़ी हुई है   तब आंटी बताती  है इन दिनों की बात है जब वह दिल्ली की स्कूल मे एडमिशन ले लिया  बहुत खुश था कि मैं आलिया के साथ  स्कूल जाऊंगा ओर उसी के साथ रहूंगा और कुछ दिनों से खांसी आ रहा था मैंने कहा बेटा डॉक्टर को दिखा दे तो उसने कहा मामूली सी खांसी है ठीक हो जाएगा लेकिन धीरे-धीरे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी बीमार पड़ते  गया और  एक दिन चक्कर आकर गिर गया फिर उसे अस्पताल ले जाया गया डॉक्टर ने देखा और उसके उसका  रिपोर्ट आई तो पता चला लॉन्ग कैंसर है और 4 स्टेटस है  यह सुनकर फुट -फुटकर रोने लगी लेकिन मेरे बेटे के आंखों में एक भी आंसू नही आये उसने अंत हिम्मत नही हारी वह मुस्कुराते हुए स्कूल जा रहा था सिर्फ तुम्हारे लिए वह हमेशा तुम्हारी तारीफ करता था। जिस दिन तुम्हें सर्दी हुआ था और उस दिन तुम्हारा जन्मदिन भी था उसने तुम्हारे लिए साइकिल खरीद कर रखा था मैंने कहा बेटा अपने लिए खरीद लें पर उसने  उसका यह जन्मदिन खास है मेरे लिए उसने  अपने गुल्लक के पैसे से खरीदा था मां रोते हुए कहती है कि  जब तुमसे बाद फोन पर कर रहा था तब वह अस्पताल में था उसे मालूम था तुम जिसे मामूली सर्दी समझकर  परेशान हो रही थी वह अपने जिंदगी का आखिरी सांस ले रहा था तुम्हें जन्मदिन की बधाई देने वाला था कि तुमने फोन रख दिया और उसने उसी वक्त दम तोड  क्योंकि वह तुमसे बचपन से प्यार करता था तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हें साइकिल तोफे में देना चाहता था लेकिन तुम उसे समझ नही पाई  हम सब को हमेशा के लिए छोड़ कर चला गया  इस दुनिया से और उसके दोस्त ओर आलिया उसके साइकिल को हाथों से छुकर  फुट -फुटकर रोने लगे।

©Anita Yadav # my story #
# my second love story #
कैंसर की जीत
यह कहानी एक उत्तर प्रदेश के मेरठ  शहर का है वहा आलिया अपने माता-पिता की इकलौती बेटी है तो वही इसका पड़ोसी  और प्यारा दोस्त अनमोल  भी अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है दोनों एक ही  का‌‌लोनी  मे रहते है  अनमोल का जैसा नाम वैसा इसका व्यवहार है । दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी है  दोनो जहा भी जाते है साथ - साथ जाते है  अगर आलिया कभी स्कूल का होमवर्क नही  कर पाती है तो अनमोल उसका  स्कूल का होमवर्क कर देता है । क्योकि वह कभी भी आलिया को परेशान नही देखना चाहता है इसलिए उसकी सारी परेशानी अपने ऊपर ले लेता है लेकिन वह कभी भी उसे समझती  नही पाती है । फिर अचानक आलिया के पिता का ट्रांसफर दिल्ली में हो जाता है ओर आलिया वहा शिफ्ट हो जाती है ।
जब अनमोल को पता चलता है तब तक आलिया वहा से जा चुकी होती है। जब आलिया दिल्ली पहुंचती है तो उसका एडमिशन  दूसरे स्कूल में होता है ।  उसे वहां  नए दोस्त मिलते हैं और बहुत चेंज हो जाती है उन नए दोस्तों के साथ  फिर माता पिता को अनमोल  कन्वेंस करता है मुझे उस स्कूल मे जिसमें आलिया   ने एडमिशन लिया है मुझे भी उसी स्कूल में लेना है ऐसे करके अपने पेरेंट्स को मना लेता है और वह दिल्ली के स्कूल में एडमिशन ले लेता है । उसे भी वहां नए दोस्त मिलते हैं अच्छे और उनके साथ रहता है और वह पहुंचता है कि उसको देख कर आलिया खुश हो जाएगी पर वह नजरअंदाज  करने लगती है । उसे नए दोस्तों के साथ देख कर अनमोल हैरान हो जाता है कि आलिया बिल्कुल बदल गई है फिर अनमोल भी स्कूल आने लगता है  आलिया से बात करता है  तो वह उसे भाव नही  देती है वह अपने दोस्तों के साथ हंसी मजाक करती  है ओर वह चुपके -चुपके उसे देखकर हंसता रहता है। फिर वह कुछ दिनों से स्कूल नहीं आती अनमोल परेशान हो जाता है वह उसके दोस्तों से पूछता है लेकिन वह मुझे नही मालूम है ऐसे  बोल कर वहा से चले जाते है। फिर वह भी चला जाता है  कुछ दिन बाद  फिर अनमोल आलिया के घर फोन करता है तो आंटी उठाती है ओर वह पूछता है आलिया स्कूल क्यों नहीं आ रही है  आंटी बोलती है क्या बताओ बेटा मामूली से सर्दी हो गई है इसमे परेशान है लो तुम ही बात कर लो आलिया से तो उसकी मां बुलाती है कि आलिया अनमोल का फोन आया है  अनमोल बोलता है कि आलिया तुम्हें  मामूली सी सर्दी हुई है तुम क्यों परेशान हो रही हो  कुछ नहीं वह ठीक हो जाएगा  आलिया बोलती है तुम्हें यह मामूली सी  सर्दी लग रहा जिस पर पड़ता है वही जानता तुम नही समझोगे ऐसा बोलकर फोन रख कर वहां से चली जाती है । फिर वह ठीक होकर स्कूल आने लगती है । अपने दोस्तों के साथ पहले जैसे  घुल मिलकर रहने लगती है । पर वह   भी नोटिस करती  है कि अनमोल भी   5 दिन से  स्कूल नही  आ रहा है क्या बात है ऐसा सोचने लगती है फिर उसके दोस्तों से पूछती है तो उसके दोस्त भी मुझे नहीं पता क्यों नही आ रहा है स्कूल पता करते है उसका मुझे घर का एड्रेस पता है चलो उसके घर पर पता करते है कि वह क्यों नहीं स्कूल आ रहा है।  तीनों वहा उसके घर पर जाकर देखते हैं तो अनमोल की मां कर रो रही होती है । आलिया पूछती है कि आंटी क्यों रो रही हो  क्या बताओ बेटा ऐसा बोल करो पानी लाने तीनों के लिए चली जाती है किचन में तीनों तस्वीर देखते  अनमोल के  दीवार पर तो आश्चर्यचकित हो जाते हैं कि उसकी तस्वीर पर फूल चढ़ा हुआ है । और जब आंटी तीनों के लिए पानी लेकर आती है तब वह पूछती है आंटी ऐसा क्या हो गया कि अनमोल की तस्वीर  पर फूलों की माला चढ़ी हुई है   तब आंटी बताती  है इन दिनों की बात है जब वह दिल्ली की स्कूल मे एडमिशन ले लिया  बहुत खुश था कि मैं आलिया के साथ  स्कूल जाऊंगा ओर उसी के साथ रहूंगा और कुछ दिनों से खांसी आ रहा था मैंने कहा बेटा डॉक्टर को दिखा दे तो उसने कहा मामूली सी खांसी है ठीक हो जाएगा लेकिन धीरे-धीरे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी बीमार पड़ते  गया और  एक दिन चक्कर आकर गिर गया फिर उसे अस्पताल ले जाया गया डॉक्टर ने देखा और उसके उसका  रिपोर्ट आई तो पता चला लॉन्ग कैंसर है और 4 स्टेटस है  यह सुनकर फुट -फुटकर रोने लगी लेकिन मेरे बेटे के आंखों में एक भी आंसू नही आये उसने अंत हिम्मत नही हारी वह मुस्कुराते हुए स्कूल जा रहा था सिर्फ तुम्हारे लिए वह हमेशा तुम्हारी तारीफ करता था। जिस दिन तुम्हें सर्दी हुआ था और उस दिन तुम्हारा जन्मदिन भी था उसने तुम्हारे लिए साइकिल खरीद कर रखा था मैंने कहा बेटा अपने लिए खरीद लें पर उसने  उसका यह जन्मदिन खास है मेरे लिए उसने  अपने गुल्लक के पैसे से खरीदा था मां रोते हुए कहती है कि  जब तुमसे बाद फोन पर कर रहा था तब वह अस्पताल में था उसे मालूम था तुम जिसे मामूली सर्दी समझकर  परेशान हो रही थी वह अपने जिंदगी का आखिरी सांस ले रहा था तुम्हें जन्मदिन की बधाई देने वाला था कि तुमने फोन रख दिया और उसने उसी वक्त दम तोड  क्योंकि वह तुमसे बचपन से प्यार करता था तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हें साइकिल तोफे में देना चाहता था लेकिन तुम उसे समझ नही पाई  हम सब को हमेशा के लिए छोड़ कर चला गया  इस दुनिया से और उसके दोस्त ओर आलिया उसके साइकिल को हाथों से छुकर  फुट -फुटकर रोने लगे।

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Anita Yadav

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