तेरी रुस्वाइयां ना मंजूर मुझे, यूँ ना रूठ मुझसे बिन तेरे कहीं बेदम ना हो जाऊँ, यूँ ना टूट मुझसे ख़ज़ाना ज़िन्दगी भर का मेरे सीने में दफ़्न है वोह तेरा आगोश में आना फिर पिघलना.... ये ना लूट मुझसे | - अमनदीप मंगोत्रा ruswaayiyan.