रूह से दिल की बस यही लड़ाई रहीं, साँस अपनी रहीं मग़र धड़कन पराई रही, ___________________________ मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, रूह से दिल की बस यही लड़ाई रहीं, . साँस अपनी रहीं मग़र धड़कन पराई रहीं,