रब की कारीगरी की, कहां मिसाल है। कहीं उसका करम है, तो कहीं जवाल है। इस रचनाकार का कहीं, सानी नहीं कोई, क़ुदरत का निज़ाम देखिए,क्या ख़याल है। ये लाजवाब हुश्न भी, उसी का है नमूना, क्या इसके बाद भीआपका, कोई सवाल है। नवाज़ता है हर हाल मे, नेक़ बन्दों को वही, ज़ालिमो के लिए वही बन जाता, महाकाल है। हर आदमी को चाहिए, "फिराक़",औक़ात मे रहे, चाह कर भी निकल न पाएगा, ऐसा उसका जाल है। नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳