जब जब इंसानों में हैवान जगता है इंसानों की बस्ती में बस शोर उठता है इंसानियत के नाम की दुहाई दी जाती लेकिन आवाज़ में दम नहीं रहता है बमों और गोलियों के धमाकों के बीच इंसान सहम के रह जाता है खुद में ये कैसे बना लिए हथियार मैंने खुद को खत्म करने की खातिर प्यारा घर ये ब्रह्मांड में अकेला इसको खुद ही बर्बाद करने पर तुला जब जब इंसानों में वहशीपन जगता है सब कुछ खत्म होता हुआ लगता है ।। ©NC #war#peace#nojotohindi