चलने को क्योंकि, ताउम्र चलते रहे हम, कितने सहरा जंगल, नदियाँ, दरिया पार किये, अब थक गये हम, मगर चल रहे हैं, क्यों ? कहा न आदत से मजबूर हैं। सुप्रभात। बहुत से लोग जीवन में इसलिए भी अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाते क्योंकि वे अपनी आदत से मजबूर होते हैं और अपने कंफ़र्ट ज़ोन से बाहर नहीं निकल पाते। #आदतसेमजबूर #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi