मैं उम्मीदों का पूरा सैलाब लिए बैठा हूँ ऐ ज़िंदगी मैं तेरे हर सवाल का जवाब लिए बैठा हूँ। माना की तू रुख़ बदलने में प्रवीण है, पर मैं भी अपने तजुर्बे का समंदर साथ लिए बैठा हूँ। होगा तेरे दामन में हतासी का मंज़र, पर मैं भी हौसला बेशुमार लिए बैठा हूँ। सुना है मन-मस्तिष्क को बीमार करने का हुनर है तुझमें, पर मैं भी दवा भरमार लिए बैठा हूँ। माना कि तेरे भंवर में फंसकर डूबते हैं कई लोग, पर मैं अपने हुनर का पतवार साथ लिए बैठा हूँ। #nojoto#hindi#ए_जिंदगी#poetry#hope#self_confidence#faith#life