#बेचैन_कलम .... ✒✒ ---------------------------------- #एक_कल्पना जब जब भी तुम्हें ये लगने लगे मैं तुम्हारे करीब हूँ बात बतला दूँ, इश़्क तो धनवान है मैं बहुत गरीब हूँ । दुनिया घुमाने की ख़्वाहिश पूरी नहीं कर सकता हूँ अटूट वादा कर पूरी ज़िन्दगी बाहों में भर सकता हूँ । तुम्हारे हर छोटे बड़े फैसले में जरूर अपनी राय दूँगा सुबह अलसा कर तुम उठना, बनाकर तुम्हें चाय मैं दूँगा । खाना तो नहीं बनाना आता पर सब्ज़ी मैं काट लूँगा तुम्हारी छोटी मुस्कान के लिए हर दुःख मैं छाँट लूँगा । तुम खाना बनाना रसोईघर में हमेशा साथ मैं रहूँगा तुम्हारी बकबक सुन कर अपनी हर बात मैं कहूँगा । छुट्टी वाले दिन हम दोनों बाहर कहीं घूमने जायेंगे सिनेमा देखेंगे तुम्हारी पसंद की कुल्फ़ी भी खायेंगे । रात को मेरे कंधे पर ही सर रख कर तुम सो जाना हर सुख दुःख सांझा करेंगे तुम ख़्वाबों में खो जाना । "मध्यमवर्गीय" हूँ पर हर ख़ुशी देने का इरादा रखता हूँ धन दौलत नहीं ख़ूब मोहब्बत देने का वादा करता हूँ