सुकुन है शायद तुम्हे, मेरे नाजुक हालातों से, अब भी, राहों में मेरी, कांटे भर रहे हो, माना देखा था कभी, तुम्हे आँखें भर भर के, सो बदले में अब , मेरी आँखें भर रहे हो.. #aankhen #poetry