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सुकुन है शायद तुम्हे, मेरे नाजुक हालातों से, अब भी

सुकुन है शायद तुम्हे, मेरे नाजुक हालातों से,
अब भी, राहों में मेरी, कांटे भर रहे हो, 
माना देखा था कभी, तुम्हे आँखें भर भर के, 
सो बदले में अब , मेरी आँखें भर रहे हो.. #aankhen #poetry
सुकुन है शायद तुम्हे, मेरे नाजुक हालातों से,
अब भी, राहों में मेरी, कांटे भर रहे हो, 
माना देखा था कभी, तुम्हे आँखें भर भर के, 
सो बदले में अब , मेरी आँखें भर रहे हो.. #aankhen #poetry
premprakash0975

Prem Prakash

New Creator