अपने ,,, माता पिता ,,, हम ना मन्दिर ना मस्जिद ना गुरुद्वारे चलते है हम तो बस अपने और अपने माता पिता के दुवाओं के सहारे चलते है इस्पर्स करते हैं माता पिता के चरणों को और जब वो सर पे प्यार से हाँथ मलते हैं बस हम हर मुकाम पे उन्ही की दुवाओं के सांथ चलते हैं राइटर ,,,, सुरेंद्र कुमार भारती #NojotoQuote माता पिता की दुवाएँ आज़ाद पंछी-कवि डॉ. रामावतार रैबारी मकवाना Akshita Jangid(poetess) Arun Raina