जब तुम गुलाब लगाते हो तो फिर काँटो से क्यों घबराते हो, जब उससे जरा सा भी नहीं है इश्क तुम्हें तो फिर व्हाट्सएप से उसकी DP क्यों चुराते हो, हंसते हंसते रो लेते हो और रोते रोते सो लेते हो दोस्तो के साथ रहकर भी यार तुम तन्हा कैसे हो लेते हो, चलो मान लेते हैं कि खत्म हो गया है सब कुछ तुम्हारे और उसके दरमियाँ, अच्छा तो फिर उसकी गली में जाकर अपनी बाइक का हॉर्न क्यों बजाते हो ।।। #विजय🌹🌺💐✍️ #लव_यू_ज़िन्दगी🌹🌺💐✍️