Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रतिक्षा कभी समाप्त नहीं होती अवशेष की निशानी बची

प्रतिक्षा कभी समाप्त नहीं होती
अवशेष की निशानी बची रहती है।
वाचाल व्यक्ति विरह की प्रतीक्षा में
धीरे धीरे अपनाता चुप्पी और मौन।
पृथक रहा मेरा मौन और पीड़ा
मेरे हृदय की हर धडकन हर पहर में
बातें करती तुम्हारी स्मृतियों के संग।
महसूस होते हो हर क्षण
तुम हर पल में मेरी परछाईं सी बन।।

©Drx punam rao
  #mobileaddict