Nojoto: Largest Storytelling Platform

चल निकले थे अकेले ही कर के रोशन चिराग, ना तो मंज़ि

चल निकले थे अकेले ही कर के रोशन चिराग,
ना तो मंज़िल मिली और न ही साहिल का पता,
कश्ती यूं ही डोलती रही बीच भंवर मझदार में,
बस दे गई एक और दर्द भरे इंतज़ार का एहसास।
"कसम से"
।।शुक्रिया।।
***बीना***
(17/08/2020)
***************

©BEENA TANTI #fourlinepoetry 
#अगस्त05_19_08_2021
चल निकले थे अकेले ही कर के रोशन चिराग,
ना तो मंज़िल मिली और न ही साहिल का पता,
कश्ती यूं ही डोलती रही बीच भंवर मझदार में,
बस दे गई एक और दर्द भरे इंतज़ार का एहसास।
"कसम से"
।।शुक्रिया।।
***बीना***
(17/08/2020)
***************

©BEENA TANTI #fourlinepoetry 
#अगस्त05_19_08_2021
beenatanti2377

BEENA TANTI

Silver Star
New Creator