अजी मज़हब के नाम पर क्या खूब सियासत चमका रहे हो मज़हब नहीं लड़ता है आपस में ये तुम हो जो इसे लड़ा रहे हो मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना तुमने सुना ही नहीं वरना गंगा जमुनी तहज़ीब में मुस्लिम को हिंदू का दुश्मन बना रहे हो आदित्य मस्त अल्हड़ २०/०६/२०२३ ©Aditya Kumar Bharti #मजहब में सियासत