चाँद से रूठकर चाँदनी क्या गई! ये अँधेरा उसे मुह चिढ़ाने लगा। रात घबराई सी कुछ लजाती रही। ये चकोरा विरह गीत गाने लगा। भोर हो जाएगी उसको उम्मीद है! खोलकर आँख सपने सजाने लगा। 🎀 Challenge-220 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों में अपनी कविता लिखिए। (ध्यान रहे कविता लिखनी है)