ऐ मेरे हमनशीं चल कहीं और चल, इस चमन में अपना गुजारा नही। बात होती गुलों की तो सह लेते हम, अब तो काँटो पर भी हक़ हमारा नहीं।।.. - #प्रवासी_मजदूर #प्रवासी_मजदूर...😔😔 (Migrant workers) Suman Zaniyan