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दस्तक और आवाज़ तो कानों के लिए होता है,,, जो रूह

दस्तक और आवाज़ तो कानों
के लिए होता है,,, 
जो रूह तक सुनाई दे उसे 
खामोसी कहते हैं

©Firoz Akhtar Chotan  शायरी मोटिवेशनल
दस्तक और आवाज़ तो कानों
के लिए होता है,,, 
जो रूह तक सुनाई दे उसे 
खामोसी कहते हैं

©Firoz Akhtar Chotan  शायरी मोटिवेशनल