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#FourLinePoetry खंडहर हो चुकी है हमारे प्यार की इम

#FourLinePoetry खंडहर हो चुकी है हमारे प्यार की इमारत,
फिर भी बुनियाद में जान बाकी है।
टूटी हुई खिड़कियों(दिल) में , 
इन आंखों से झांकती हुई,
तेरे वापस लौट आने की
उम्मीद बाकी है।
मुझमें अब भी जान बाकी है,
तुझसे मिलने का इस दिल में, 
अरमान बाकी है।

©kalpana srivastava #BakiHai 
#fourlinepoetry
#FourLinePoetry खंडहर हो चुकी है हमारे प्यार की इमारत,
फिर भी बुनियाद में जान बाकी है।
टूटी हुई खिड़कियों(दिल) में , 
इन आंखों से झांकती हुई,
तेरे वापस लौट आने की
उम्मीद बाकी है।
मुझमें अब भी जान बाकी है,
तुझसे मिलने का इस दिल में, 
अरमान बाकी है।

©kalpana srivastava #BakiHai 
#fourlinepoetry