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श्रीभगवानुवाच कालोऽस्मि लोकक्षयकृत् प्रवृद्धो लोका

श्रीभगवानुवाच कालोऽस्मि लोकक्षयकृत् प्रवृद्धो लोकान् समाहर्तुमिह प्रवृत्तः । ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः ॥ ३२ ॥

 श्रीभगवान बोले : की मैं लोकों के नाश हेतु बढ़ा हुआ महाकाल हूँ । इस समय इन लोगों को नष्ट करने के लिए प्रवृत्त हुआ हूँ । अतः जो विरोधी पक्ष की सेना के योद्धा हैं वे सब तुम्हारे बिना ही नष्ट हो • जायेंगे । अर्थात् तुम युद्ध न करोगे फिर भी वे सब नष्ट हो जायेंगे । ॥ ३२॥ 
Ch . 11 : 32

©manpreet singh
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