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श्रद्धांजलि प्रत्येक देश और प्रत्येक काल में मनुष्

श्रद्धांजलि
प्रत्येक देश और प्रत्येक काल में मनुष्य ने माता को सर्वाधिक भक्ति और श्रद्धा का पात्र माना है। वीर शिवाजी हमेशा अपने को अपनी माँ का ऋणी मानते रहे।श्रवण कुमार को सभी माता-पिता के भक्त के रूप में जानते हैं यहुदियों का तो ये कथन ही है कि " भगवान  सभी जगह (प्रकट) नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने माताओं की सृष्टि की"।अर्थात् जिससे माँ के रूप में भगवान हर जगह दिखाई दें।यदि कोई पूछे भगवान हैं तो सभी को अपनी माँ की ओर इंगित कर कहना चाहिए, देखो माँ के रूप में भगवान। हमें अपनी माँ को पूजना चाहिए, ठीक उसी तरह जिस तरह ईश्वर रूप में देखे जाने वाले पवित्र पुरूष ईसामसीह की जननी माता मरियम की पूजा होती है।
पार्ट-6

©shashikala mahato
  #श्रद्धांजलि