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एक गीत बदल गया जब मिजाज तेरा मिजाज मैं भी बदल रहा

एक गीत

बदल गया जब मिजाज तेरा मिजाज मैं भी बदल रहा हूं,
संभाला मुझको नहीं जो तूने मैं खुद ब खुद ही संभल रहा हूं।

अजब नजारा था उस फिज़ा में वो दौर रंगी था तू जो लाया,
बहार सारी खिली खिली थी फिज़ा में रंगत थी तू जो आया।
भूला के मंजर बदल के राहें मैं इस चमन से निकल रहा हूं,
बदल गया जब मिजाज तेरा मिजाज मैं भी बदल रहा हूं।

न आओ यादों में मेरी अब तुम जरा सा खुद को भी तुम संभालो,
नही उजालों की आरजू अब जली शमां को अभी बुझालो,
जलाए शम्मा को तू जो बैठा मैं रफ्ता रफ्ता पिघल रहा हूं,
बदल गया जब मिजाज तेरा मिजाज मैं भी बदल रहा हूं,

©Sanjiv Nigam #निकल_रहा_हूं
एक गीत

बदल गया जब मिजाज तेरा मिजाज मैं भी बदल रहा हूं,
संभाला मुझको नहीं जो तूने मैं खुद ब खुद ही संभल रहा हूं।

अजब नजारा था उस फिज़ा में वो दौर रंगी था तू जो लाया,
बहार सारी खिली खिली थी फिज़ा में रंगत थी तू जो आया।
भूला के मंजर बदल के राहें मैं इस चमन से निकल रहा हूं,
बदल गया जब मिजाज तेरा मिजाज मैं भी बदल रहा हूं।

न आओ यादों में मेरी अब तुम जरा सा खुद को भी तुम संभालो,
नही उजालों की आरजू अब जली शमां को अभी बुझालो,
जलाए शम्मा को तू जो बैठा मैं रफ्ता रफ्ता पिघल रहा हूं,
बदल गया जब मिजाज तेरा मिजाज मैं भी बदल रहा हूं,

©Sanjiv Nigam #निकल_रहा_हूं