कहो तो देश के नाम एक पैग़ाम लिख दूं , जो जलती चिताओं में कूद गए वो आवाम लिख दूं मैं लिख दूं हिंदू - मुसलमां को शान अपनी तिरंगे को भगवा और हरे को एक नाम लिख दूं । मैं लिख दूं कारगिल में शहीदों की वीरता , महाराणा के वंशजों से भरा पूरा गोदाम लिख दूं । मैं लिख दूं मुल्क को शांति का वाहक इसपे आंखे तरेड़ने वालों को कहीं गुमनाम लिख दूं । मैं लिख दूं 'एकता' को अपने मुल्क की ताकत गरीब वनवासियों को पालता आसाम लिख दूं । मैं कर लूं याद सरहद पे खड़े उन सैनिकों को आतंकियों की हर मंशा को अब सरेआम लिख दूं । सोचता हूं इक नया मै धाम लिख दूं , इस बलिदान- ए- मिट्टी को अब हिंदुस्तान लिख दूं । यहां पे हिंदू , मुसलमां , सिख , ईसाई सब भाई हैं , सांप्रदायिकता फैलाने वालों को अब नाकाम लिख दूं । मिल जुल के दिखानी है ताकत हमें विश्व पटल पर सोचता हूं देश के नाम यही पैग़ाम लिख दूं ।। © Gaurav Dubey Golu #flag #happyindependenceday #Country #army #Shayar #kavishala #poem #poemoftheday #love