वो चूल्हें पर रोटीयाँ साथ में मिलकर पकाती थी बच्चों को संस्कारों के निवाले अपने हाथों से खिलाती थी सही मायने में वो परवरिश बच्चों में जीवन भर जाती थी✨✨ संयुक्त परिवार की परंपराएं वास्तविकता में इंसानों को इंसान बनाती थी बदला परिवेश, बदली परंपराएं लोगों में अब जीवन कहांँ है....☹️☹️☹️ माता-पिता तक का त्याग किया बच्चों में अब शर्म कहांँ है 🤔🤔 #lifequotes #पुरानीराहें #पुरानी_यादें #वोदिन #वोभीदिनथे #besthindiquotes