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दरख्त ए साहिल को गुमान था दरिया हमसे नजरें मिला ही

दरख्त ए साहिल को गुमान था दरिया हमसे नजरें मिला ही नहीं सकता
आंधी के फकत एक झोंके से दरख्त ही दरिया में बह गया


दरख्त ए साहिल-किनारे लगा पेड़,फकत-बस/केवल

शायर आयुष कुमार गौतम दरख्त ए साहिल
दरख्त ए साहिल को गुमान था दरिया हमसे नजरें मिला ही नहीं सकता
आंधी के फकत एक झोंके से दरख्त ही दरिया में बह गया


दरख्त ए साहिल-किनारे लगा पेड़,फकत-बस/केवल

शायर आयुष कुमार गौतम दरख्त ए साहिल

दरख्त ए साहिल