के मोहब्बत मे खो जाऊँ मैं तू ख़्वाब और नींद मैं हो जाऊँ के तू आए शाम घर को मेरे तू अँधेरा और लम्बी रात मै हो जाऊँ के आग की तरह दहकेगा ये ज़माना तू बारिश और बादल मै हो जाऊँ के गुज़रती ही चली जायेगी ये ज़िंदगी तू वक़्त और लम्हा मै हो जाऊँ के गाएँगे परिंदे अब आस्माँ पे तू हवा और मौसम मै हो जाऊँ के रुख़ मोड़ लेती है नदिया यहाँ तू दरिया और किनारा मैं हो जाऊँ के टूट जाती है सारी उम्मीदें यहाँ तू साँस और धड़कन मैं हो जाऊँ के बहोत खूबसूरत होंगे नज़ारे तू अफ़्ताब और मेहताब मैं हो जाऊँ ©Aparna Mishra #hindi_poetry#hindiwritercommunity Journey Of Love