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रात की 12:00 दरवाजा खुला मैंने देखा जवानी हुसन के

रात की 12:00 दरवाजा खुला मैंने देखा जवानी हुसन  के फूलों से खेलती आई निगाह यार की मस्त खींची चली आई ऐसे लगा मानो अंधेरी निगाहें मैं रोशनी आई जब मैंने अपने आप को देखा मुझे भी हंसी आई मुझे लगा मेरी महबूबा के साथ बहार आई।

©munish writer
  Romantic shayari

Romantic shayari #लव

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