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*छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब सा बनकर*,

*छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब सा बनकर*,
*ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं*।
- Rahul Kavi wajah tum ho..
*छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब सा बनकर*,
*ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं*।
- Rahul Kavi wajah tum ho..
rahulkavi4076

Rahul Kavi

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wajah tum ho..