।। बहुत खास हो तुम।। मेरे मन में लिखे बातों का किताब हो तुम, जब रहे मेरे खिलाफ कोई, तो मेरे साथ हो तुम, मैं बहुत ही नासीब वाला हूंँ, मेरे लिए बहुत खास हो तुम।।। मेरे जीवन के तूफानों मे, एक सुकुन सा एहसास हो तुम, भले मैं रहूं कोई भी परिस्थितियों में, मेरे जीवन के खुशियों की बरसात हो तुम।। मुझे मान रही हो देवता समान, पता नहीं मैं उस लायक हूं या नही, मेरे दिल को जो पढ़ जाय, सच में मेरे लिए बहुत खास हो तुम।।। Amrendra✍️✍️✍️ ।। बहुत खास हो तुम।।