Nojoto: Largest Storytelling Platform

मजदूरों के लिए तो यह धरा ही है उसकी माता। हिंदव


मजदूरों के लिए तो यह धरा ही है उसकी माता।

 हिंदवतन के शान में वह अपनी अहम भूमिका निभाता।। 

अपनो के पेट भरने के लिए जो बाहर कमाने जाता है वो मजदूर कहलाता है।। 

जो मेहनत करता है पूरी, संयम भी बांधे रहता है, और कितनों का घर बनाता है। 

 उन मजदूरों पर मुसीबत आने पर उसे ही घर से निकाल दिया जाता है।। 

जिन रोटी के लिए घर से निकल पड़े थे, आज दो रोटी के भी लाले पड़े है।। 

फिर से वो अपनी घर की ओर बढ़े है ,सिस्टम का मारा मजदूर बेचारा, पैरों में भी छाले पड़े हैं। 

जो अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद करता है, आज वे खुद के मदद को तरस से गये है ।। 

जो सबकी  जरूरत पूरी करता है, आज अधूरे से स्तब्ध खाडे है।। 

जो मेहनत करता है पूरी और संयम भी बांधे रहता है।। 

ना जाने उसकी किस्मत को कैसे रचता है। विधाता!

फिर भी मजदूरों के लिये तो ये धरा ही है, उसकी माता
 ये है हमारे मजदूरों की सच्ची सी गाथा।। 
                                                  
                        #coronatimes #majduronkisachchighatha #stayhome  #tanujabharti #kuchgaltkuchsahi  #iqdidi #iqbaba #keepingsmile

मजदूरों के लिए तो यह धरा ही है उसकी माता।

 हिंदवतन के शान में वह अपनी अहम भूमिका निभाता।। 

अपनो के पेट भरने के लिए जो बाहर कमाने जाता है वो मजदूर कहलाता है।। 

जो मेहनत करता है पूरी, संयम भी बांधे रहता है, और कितनों का घर बनाता है। 

 उन मजदूरों पर मुसीबत आने पर उसे ही घर से निकाल दिया जाता है।। 

जिन रोटी के लिए घर से निकल पड़े थे, आज दो रोटी के भी लाले पड़े है।। 

फिर से वो अपनी घर की ओर बढ़े है ,सिस्टम का मारा मजदूर बेचारा, पैरों में भी छाले पड़े हैं। 

जो अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद करता है, आज वे खुद के मदद को तरस से गये है ।। 

जो सबकी  जरूरत पूरी करता है, आज अधूरे से स्तब्ध खाडे है।। 

जो मेहनत करता है पूरी और संयम भी बांधे रहता है।। 

ना जाने उसकी किस्मत को कैसे रचता है। विधाता!

फिर भी मजदूरों के लिये तो ये धरा ही है, उसकी माता
 ये है हमारे मजदूरों की सच्ची सी गाथा।। 
                                                  
                        #coronatimes #majduronkisachchighatha #stayhome  #tanujabharti #kuchgaltkuchsahi  #iqdidi #iqbaba #keepingsmile