एक शिकस्त से लौट जाए वो इंसान कैसा, जो न रचा जाए इतिहास पर इतिहास वो इतिहास कैसा॥ चल उठ जकड़ बेड़ियों में "हिमांश" ख़ुद को, अग़र ख़ुद को हरा न पाया तो वो आने वाला मुक़ाम कैसा॥ एक शिकस्त से जो लौट जाए वो इंसान कैसा... You're a winner, but before that, you're a runner.