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बचपन में लड़खड़ाते, गिरते, उठते तुतलाते हुए जिस भाषा

बचपन में लड़खड़ाते, गिरते, उठते तुतलाते हुए जिस भाषा में कंठ की प्रथम ध्वनि निकली उस आइए उस मातृ भाषा और भारत की राजभाषा का अधिकाधिक सम्मान और प्रयोग करें।
क्योंकि भारतेंदु हरिश्चन्द्र जी ने कहा था कि,
निज भाषा उन्नति अहै,
सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के,
मिटत न हिय को सूल।

हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई💐 #हिंदी 
#मातृभाषा_दिवस 

#HindiDiwas2020
बचपन में लड़खड़ाते, गिरते, उठते तुतलाते हुए जिस भाषा में कंठ की प्रथम ध्वनि निकली उस आइए उस मातृ भाषा और भारत की राजभाषा का अधिकाधिक सम्मान और प्रयोग करें।
क्योंकि भारतेंदु हरिश्चन्द्र जी ने कहा था कि,
निज भाषा उन्नति अहै,
सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के,
मिटत न हिय को सूल।

हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई💐 #हिंदी 
#मातृभाषा_दिवस 

#HindiDiwas2020