आज अल्फाजों को एल्गार में क्या ढूंढोगे, बुझते हुए चिराग से मुझे क्या ढूंढोगे। लाखों चेहरों ने छुपा रखा है मेरा चेहरा, गुमशुदा तेरे आशिक़ को अखबार में क्या ढूंढोगे।। #vinodmeena✍️ ©Vinod Meena #Nojoto