आसुओं की कीमत क्या होती है ये कोई नही समझता अगर जानता तो दर्द नही देता क्यों करें हम परवाह किसी की जब कोई प्यार की कीमत नही समझता हमें भी इसका एतबार हुआ बाद में जब सब लूट गया उनके प्यार में वक्त बर्बाद के साथ तीखे शब्दों के बाण चलाए छलनी छलनी कर दिया जज़्बात और एतबार को पर रूह अभी भी तैयार नहीं इसको स्वीकारने को आज भी इंतजार है उनका अपने जनाजे पर आने को। एतबार