ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल, यों खामोश कब तक रहेगी, अपनी ख़ामोशी का राज़ तो खोल, इन हवाओं को भी इंतेज़ार हैँ, तेरी ठंडी सी मिठास का, तेरी खूबसूरत एहसास का, ऐ शाम हम्हे कुछ तो बोल. #evng