नादान जिंदगी को एक नादान परिंदे की तरह जिना चाहती हु.... उड़ना चाहती हु, गिर के सम्भालना चाहती हु हँसना हँसाना चाहती हु गुनगुना चाहती हु रुकना नही बस आगे बढ़ते रहना चाहती हु