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सागर की लहरों में, मेरे गांव की नहरों में सीमाओं क

सागर की लहरों में,
मेरे गांव की नहरों में
सीमाओं के पहरों में,
उथले और गहरों में,
सब ओर तुम्हें खोजती,
मेरी मौन तलाश।
एक दिन तो तुम
मिल ही जाओगे
पूर्ण है विश्वास।
जल सम पारदर्शी
गगन सम समदर्शी
मेरी भोली आस
सागर के किनारे भी
अतृप्त है प्यास।।

©Veena Kapoor लहरों में
नहरों में
गहरों में
पहरों में
अतृप्त प्यास

#sagarkinare
सागर की लहरों में,
मेरे गांव की नहरों में
सीमाओं के पहरों में,
उथले और गहरों में,
सब ओर तुम्हें खोजती,
मेरी मौन तलाश।
एक दिन तो तुम
मिल ही जाओगे
पूर्ण है विश्वास।
जल सम पारदर्शी
गगन सम समदर्शी
मेरी भोली आस
सागर के किनारे भी
अतृप्त है प्यास।।

©Veena Kapoor लहरों में
नहरों में
गहरों में
पहरों में
अतृप्त प्यास

#sagarkinare

लहरों में नहरों में गहरों में पहरों में अतृप्त प्यास #sagarkinare #कविता