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White संभल जा ओ मानव...... जाने क्या तू ढूंढे मान

White संभल जा ओ मानव......

जाने क्या तू ढूंढे मानव, इस झूठे संसार में।
कहीं भी तू जा ओ पगले, मन की शांति ना पायेगा।
ठहर जा अब संभल जा ओ पगले, फिर आगे पछताएगा...

बारंबार कहे प्रभु भी, गीता के अनमोल वचनों में। 
ज्ञान अब तो कुछ ले ओ पगले, क्यों तू मुरख बना फिरे रे।  
खुद को अब तो सौंप दे रे बंदे, ना कर तू कया को गंदा। 
ठहर जा अब संभाल जा ओ पहले फिर आगे पछताएगा...

प्रभु के सम्मुख जाकर पगले, मुख कैसे दिखलाएगा। 
पाप पुन्य का लेखा जोखा, सब तेरे आगे आयेगा। 
ठहर जा  अब संभल जा ओ पगले, फिर आगे पछताएगा... 

हरी शरण तू ले ले मानव, शांति वही तू पाएगा। 
सच्चा सुख केवल श्री चरणों में, और कहीं न तू पाएगा।
ठहर जा अब संभाल जा ओ पहले फिर आगे पछताएगा...

©Heer
  संभल जा ओ मानव.....फिर आगे पछताएगा। 
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heertrivedi5954

Heer

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संभल जा ओ मानव.....फिर आगे पछताएगा। #sad_dp #Hari_bhakt hindi poetry on life #Poetry

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